मध्यप्रदेश में बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को बड़ा नुकसान पहुंचा है। शुक्रवार को भिंड और मुरैना के करीब 250 गांवों में फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गईं। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश में नुकसान का सर्वे करने के निर्देश दिए हैं। कमलनाथ ने कहा कि किसान घबराएं नहीं, चिंतित न हों। नुकसान की भरपाई की जाएगी। संकट की इस घड़ी में सरकार किसानों के साथ खड़ी है।
ओलावृष्टि से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए प्रशासनिक अमला शनिवार को पीड़ित किसानों के बीच पहुंचा। विधायक संजीव सिंह कुशवाह, कलेक्टर छोटे सिंह के साथ पहुंचे। सरसों की फसल में 50 प्रतिशत से लेकर 100 प्रतिशत तक नुकसान हुआ। पीड़ित किसान बोले& मुआवजा शीघ्र नहीं मिला तो आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ेगा। शुक्रवार को भिंड, गोहद, अटेर, मेहरगांव में 25 से 30 मिनट तक बेर से बड़े आकार के ओले गिरे। इससे एक लाख हेक्टेयर में खड़ी गेहूं-सरसों की फसल बर्बाद हो गई। गोहद के भीकमपुरा में एक मोर की मौत हो गई। 200 गांवों में हजारों हेक्टेयर में खड़ी फसल बिछ गई। ऐसे ही हालात मुरैना के 50 से ज्यादा गांवों में दिखे।